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Ling(Gender)(लिंग)/लिंग(gender) की परिभाषा

Best Motivational Videos Facebook Page- Click Here Join us with Instagram- Click Here Join our Telegram channel- Click here Subscribe Our youtube channel- Click Here Ling(Gender)(लिंग) लिंग(gender) की परिभाषा "संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु की नर या मादा जाति का बोध हो, उसे व्याकरण में 'लिंग' कहते है। दूसरे शब्दों में-संज्ञा शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति होने का पता चलता है, उसे लिंग कहते है। सरल शब्दों में- शब्द की जाति को 'लिंग' कहते है। जैसे- पुरुष जाति- बैल, बकरा, मोर, मोहन, लड़का आदि। स्त्री जाति- गाय, बकरी, मोरनी, मोहिनी, लड़की आदि। 'लिंग' संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'चिह्न' या 'निशान'। चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। 'संज्ञा' किसी वस्तु के नाम को कहते है और वस्तु या तो पुरुषजाति की होगी या स्त्रीजाति की। तात्पर्य यह है कि प्रत्येक संज्ञा पुंलिंग होगी या स्त्रीलिंग। संज्ञा के भी दो रूप हैं। एक, अप्रणिवाचक संज्ञा- लोटा, प्याली, पेड़, पत्ता इत्यादि और दूसरा, प्राणिवाचक संज्ञा- घोड़...

संज्ञा, सर्बनाम, विशेषण, क्रिया ओर अब्यय महत्तपूर्ण प्रैक्टिस सेट/songya, sarbonam, bisheson, kriya and abaya important practice set

संज्ञा, सर्बनाम, विशेषण, क्रिया ओर अब्यय महत्तपूर्ण प्रैक्टिस सेट 1)संज्ञा(Noun)की परिभाषा संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते है, जिससे किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते है। दूसरे शब्दों में- किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण या भाव के नाम को संज्ञा कहते है। जैसे-प्राणियों के नाम- मोर, घोड़ा, अनिल, किरण, जवाहरलाल नेहरू आदि। वस्तुओ के नाम- अनार, रेडियो, किताब, सन्दूक, आदि। स्थानों के नाम- कुतुबमीनार, नगर, भारत, मेरठ आदि भावों के नाम- वीरता, बुढ़ापा, मिठास आदि यहाँ 'वस्तु' शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में हुआ है, जो केवल वाणी और पदार्थ का वाचक नहीं, वरन उनके धर्मो का भी सूचक है। साधारण अर्थ में 'वस्तु' का प्रयोग इस अर्थ में नहीं होता। अतः वस्तु के अन्तर्गत प्राणी, पदार्थ और धर्म आते हैं। इन्हीं के आधार पर संज्ञा के भेद किये गये हैं।   Best Motivational Videos Facebook Page- Click Here Join us with Instagram- Click Here Join our Telegram channel- Click here Subscribe Our youtube channel- Click Here संज्ञा के भेद संज्ञा के पाँच भेद होते है- (1)व्यक्तिवाचक (...

Avaya/ अव्यय कैसे पहचाने? अव्यय कैसे पहचाने?

Hindi Grammar / अव्यय कैसे पहचाने? अव्यय कैसे पहचाने? अव्यय हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदी व्याकरण को सही ढंग से समझने के लिए अव्यय को समझना भी आवश्यक होता है। हिंदी व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण इन सबके रूप बदलते रहते हैं, लेकिन किसी भी वाक्य में avyay हर स्थिति में अपने मूलरूप में ही बने रहते है, इसमें परिवर्तन नहीं होता है। हमारे आज के इस ब्लॉग में अव्यय को विस्तार से समझाया गया है। Contents अव्यय किसे कहते हैं? अव्यय के उदाहरण अव्यय के भेद क्रियाविशेषण अव्यय किसे कहते हैं? क्रिया विशेषण अव्यय के भेद संबंधबोधक अव्यय (Avyay) किसे कहते हैं? समुच्चयबोधक अव्यय किसे कहते हैं? विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं? विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद निपात अव्यय किसे कहते हैं? निपात अव्यय के भेद संस्कृत के अव्यय Avyay PPT FAQs अव्यय किसे कहते हैं? ऐसे शब्द जिसमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता वह शब्द अव्यय कहलाते हैं। अव्यय सदैव अपरिवर्तित, अविकारी रहते हैं। जैसे- जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, त...