Anekarthi Shabd :
अनेकार्थक शब्द वह शब्द है जिसके एक से अधिक अर्थ होते हैं इन शब्दों के संदर्भ और प्रयोग बहुत अलग हो सकते हैं, लेकिन वाक्य के संदर्भ से उनका अर्थ स्पष्ट होता है।
आज यहाँ हम आपको 333 + अनेकार्थक शब्द उपलब्ध कराये है जो आपकी शिक्षा को बढाने में मदद करेगा आइये कुछ ऐसे शब्दों की एक विस्तृत सूची नीचे दी जा रही है।
Anekarthi Shabd :
- अरुण – लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, इत्यादि ।
- अपवाद– कलंक, वह प्रचलित प्रसंग, जो नियम के विरुद्ध हो।
- अतिथि– मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, अग़्नि, राम का पोता या कुश का बेटा।
- आपत्ति– विपत्ति,एतराज।
- अपेक्षा– इच्छा, आवश्यकता, आशा, इत्यादि।
- आराम– बाग, विश्राम, रोग का दूर होना, निरोग होना।
- अंक– भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक, चिन्ह संख्या, गोद।
- अंबर– आकाश, अमृत, वस्त्र।
- अनंत– आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग।
- अर्थ– मतलब, कारण, लिए, भाव, हेतु, अभिप्राय, धन, आशय, प्रयोजन।
- अवकाश– छुटटी, अवसर, अंतराल
- आम– आम का फल, सर्वसाधारण, रंज, मामूली, सामान्य।
- अन्तर– शेष, दूरी, हृदय, भेद।
- अधर– धरती (आकाश के बीच का स्थान), पाताल, नीचा, होंठ।
- अर्क– इन्द्र, सूर्य, रस, अकबन।
- अंकुर– कोंपल, नोंक, सूजन, रोआँ।
- अंकुश– रोक, हाथी को वश में करने का लोहे का छोटा अस्त्र।
- अंजन– काजल, रात, माया, लेप।
- अंश– हिस्सा, कोण का अंश, किरण।
- अंत– मरण, अवसान, सीमा।
- अनन्त– आकाश, अन्तहीन, विष्णु।
- अच्युत– कृष्ण, स्थिर, अविनाशी।
- अपंग– अपाहिज, तिलक, नेत्रों के कोने।
- अपर– दूसरा, इतर, पंखहीन।
- अग्र– पहाड़, वृक्ष, अचल।
- अग्र– मुख्य, आगे, नोंक, शिखर।
- अमृत– सुधा, जल, अमर, सुन्दर।
- अन्तर– मध्य, ह्रदय, व्यवधान, भेद।
- अज– ब्रह्मा, बकरा, दशरथ का पिता।
- अक्ष– आँख, धुरी, आत्मा, पहिया, पासा।
- अक्षर– अविनाशी, वर्ण, आत्मा, आकाश, मोक्ष।
- अचल– स्थिर, पर्वत, दृढ़।
- अमल– निर्मल, अभ्यास, समय, नशा।
- अमर– देवता, पारा, अविनाशी।
- अलि– भौंरा, मदिरा, कुत्ता।
- अरिष्ट– लहसुन, नीम, कौवा।
- अहि– सर्प, सूर्य, कष्ट।
- अटक– बाधा, भ्रमणशील, उलझन।
- अरुण– लाल रंग, सूर्य, सिन्दूर।
- आत्मा– प्राण, अग्नि, सूर्य।
- आकार– स्वरूप, चेष्टा, बुलाना।
- आशुग– वायु, तीर, पत्र।
- आली– सखी, पंक्ति।
- अधिवास– निवास, पड़ोसी, बस्ती, हठ।
- अनल– आग, परमेश्वर, जीव, विष्णु।
- अपाय– जाना, लोप, नाश, हानि, उपद्रव।
- अभय– निर्भयता, शिव, निरापद।
- अभिनिवेश– आग्रह, संकल्प, अनुराग, दृढ़ निश्चय।
- अयोनि– अजन्मा, नित्य, मौलिक, कोख।
- अशोक– मगधराज, शोकरहित, एक वृक्ष।
- आँख– नयन, परख, सन्तान, छिद्र।
- आनंद– ख़ुशी, मदिरा, शिव, एक छंद।
- आभीर– अहीर, एक राग।
- अगज– हाथी से भिन्न, पहाड़ से उत्पन्न।
- इतर– दूसरा, साधारण, नीच।
- ईश्वर– परमात्मा, स्वामी, शिव, पारा, पीतल।
- इंगित– संकेत, अभिप्राय, हिलना-डूलना।
- उत्तर– उत्तर दिशा, जवाब, हल, अतीत, पिछला, बाद का इत्यादि।
- इन्द्र– देवराज, राजा, रात्रि।
- उग्र– विष, प्रचंड, महादेव।
- उद्योग– परिश्रम, धंधा, कारखाना।
- उदार– दाता, बड़ा, सरल, अनुकूल।
- एकांत– तत्पर, स्वस्थचित्त।
- एकाक्ष– काना, कौवा।
- ऐरावती– इरावती नदी, बिजली, वटपत्री।
- ओक– पक्षी, शूद्र, मतली, घर, पनाह।
- औसत– बीच का, साधारण, दरमियानी
- कर– हाथ, टैक्स, किरण, सूँड़ ।
- काल– समय, मृत्यु, यमराज।
- कला– अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल।
- कर्ण– कर्ण (नाम), कान।
- कुशल– खैरियत, चतुर ।
- कल– बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, मशीन।
- कर्ण– कर्ण (नाम), कान।
- काम– वासना, कामदेव, कार्य, पेशा, धंधा।
- कनक– सोना, धतूरा, पलाश, गेंहूँ।
- कुंद– भोंथरा, एक मूल।
- कुल– वंश, सब।
- कृष्ण– काला, कन्हैया, वेदव्यास।
- केतु– एक ग्रह, ध्वज, श्रेष्ठ, चमक।
- कोट– परिधान, किला।
- कोटि- श्रेणी, करोड़, गणना।
- कंक– यम, क्षत्रिय, युधिष्ठिर।
- कंकण– कंगन, मंगलसूत्र, विवाह-सूत्र।
- कंटक– घड़ियाल, काँटा, दोष।
- कक्ष– कमरा, काँख, लता, रनिवास, बाजू।
- कटाक्ष– आक्षेप, तिरछी निगाह, व्यंग्य।
- कर्क– केंकड़ा, आग, एक राशि, आईना, सफेद।
- काक– कौआ, लँगड़ा आदमी, अतिधृष्ट।
- कादम्ब– कदम्ब, ईख, बाण, खट्टी मदिरा।
- कृत्स्न– जल, कोख, पेट।
- कैरव– कुमुद, कमल, शत्रु, ठग।
- केवल– एकमात्र, विशुद्ध ज्ञान।
- कंद– शकरकन्द, बादल, मिश्री।
- कलत्र– स्त्री, कमर।
- केलि– परिहास, खेल, पृथ्वी।
- कमल– हिरण, पंकज, ताम्बा, आकाश।
- कल्प– सबेरा, शराब।
- कक्ष्या– राजा की देहरी, कमरबंद।
- कसरत– व्यायाम, अधिकता।
- कबंध– जल, बादल, एक राक्षस।
- कौरव– धृतराष्ट्रादि, गीदड़।
- कम्बल– आँसू, ऊनी वस्त्र, गाय के गले का रास।
- कंबु– शंख, कंगन।
- कलाप– समूह, तरकश, मोर की पूँछ, चाँद, व्यापार।
- कस– बल, परीक्षा, तलवार की लचक।
- कान्तार– टेढ़ा मार्ग, वन।
- कांड– गुच्छा, दुर्घटना।
काट
– द्रोह, आपसी विरोध।- कैतन– ध्वजा, घर, कार्य, आमंत्रण।
- कुरंग– हिरण, नीला, बदरंग।
- कुंभ– घड़ा, एक राशि, हाथी का मस्तक।
- कुटिल– टेढ़ा, दुष्ट, घुंघराला।
- कौपीन– लँगोटा, अकार्य, गीद्ध।
- कौशिक– विश्वामित्र, नेवला, उल्लू, सँपेरा, इन्द्र।
- खग– पक्षी, तारा, गन्धर्व, जुगनू, बाण।
- खर– दुष्ट, गधा, तिनका, कड़ा, तीक्ष्ण, मोटा, एक राक्षस।
- खल– दुष्ट, धतूरा, बेहया, धरती, सूर्य, दवा कूटने का खरल।
- खैर– कत्था, कुशल।
- खंज– खंजन, लँगड़ा
- गण– समूह, मनुष्य, भूतप्रेतादि, शिव के गण, छन्द में गिनती के पद, पिंगल के गण।
- गुरु– शिक्षक, ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, बृहस्पति, भारी, बड़ा, भार।
- गो– बाण, आँख, वज्र, गाय, स्वर्ग, पृथ्वी, सरस्वती, सूर्य, बैल, इत्यादि।
- गुण– कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, लाभ, विशेषता, धनुष की डोरी।
- गति– पाल, हालत, चाल, दशा, मोक्ष, पहुँच।
- गदहा– गधा, मूर्ख, वैद्य।
- ग्रहण– लेना, चन्द्र, सूर्यग्रहण।
- गोविंद– कृष्ण, गोष्ठी का स्वामी।
- गोत्र– वंश, वज्र, पहाड़, नाम।
- गिरा– सरस्वती, गिरना, वाणी।
- गौर– गोरा, विचार।
- घन– बादल, अधिक, घना, गणित का घन, पिण्ड, हथौड़ा ।
- घट– घड़ा, देह, ह्रदय, किनारा।
- घाट– नावादि से उतरने-चढ़ने का स्थान, तरफ।
- घृणा– घिन, बादल।
- चंचला– लक्ष्मी, स्त्री, बिजली।
- चरण– पग, पंक्ति, पद्य का भाग।
- चोटी– शिखर, सिर, वेणी।
- चन्द्र– शशि, कपूर, सोना, सुन्दर।
- चाँद– चन्द्रमा, सिर।
- चारा– पशुखाद्य, उपाय।
- चक्र– पहिया, चाक, भँवर, समूह, बवंडर।
- चय– समूह, नींव, टीला, तिपाई, किले का फाटक।
छन्द
– इच्छा, पद, वृत्त।- जलज– कमल, मोती, शंख, मछली, जोंक, चन्द्रमा, सेवार।
- जाल– फरेब, बुनावट, फंदा, किरण, जाला।
- जीवन– जल, प्राण, जीविका, जीवित।
- जलधर– बादल, समुद्र।
- जड़– मूल, मूर्ख।
- जौ– वेग, शरिक्त, अन्न विशेष।
- जंग– युद्ध, लोहे में लगी कार्बनपरत।
- जयन्त– इन्द्रपुत्र, शिव, चाँद, एक ताल।
- जरा– बुढ़ापा, थोड़ा।
- ज्येष्ठ (जेठ)- पति का बड़ा भाई, बड़ा, हिन्दी महीना।
- ठाट– श्रृंगार, आडंबर।
- ठाकुर– देवता, हजाम, क्षत्रिय।
- तीर– बाण, किनारा, तट।
- तारा– आँख की पुतली, नक्षत्र, तारक, प्यारा, बालि की स्त्री, बृहस्पति की स्त्री।
- तंत्र– दवा, उपासना, पद्धति, सूत, कपड़ा।
- तत्त्व– मूल, वस्त्र, ब्रह्मा, पदार्थ।
- तल्प– खाट, अटारी, स्त्री।
- तनु– शरीर, मूर्ति, अल्प, कोमल, पतला।
- ताल– लय, एक वृक्ष, झील, हड़ताल।
- तार्क्ष्य– घोड़ा, गरुड़, सर्प, स्वर्ण, रथ।
- तात– पूज्य, प्यारा, मित्र, पिता, तप्त।
- तमचर– उल्लू, राक्षस, चोर।
- तीर्थ– देवस्थान, शास्त्र, गुरु।
- थान– स्थान, अदद, पशुओं के बाँधने की जगह।
- दल– समूह, सेना, पत्ता, पत्र, नाश, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी।
- दंड– सज़ा, डंडा, आक्रमण, दमन, एक व्यायाम।
- द्रव्य– वस्तु, धन।
- द्विज– पक्षी, दाँत, ब्राह्मण, गणेश।
- द्वीप– टापू, आश्रम, हाथी, अवलम्ब।
- द्रोण– द्रोणाचार्य, डोंगी, कौआ।
- दर्शन– मुलाकात, एक शास्त्र, स्वप्न, तत्त्वज्ञान।
- दिनेश– उक्ति, भिक्षा, सूर्य, आदेश।
- धन– सम्पति, शुभ कार्य, श्रेय, न्याय, योग।
- धर्म– प्रकृति, स्वभाव, कर्तव्य, सम्प्रदाय।
- धात्री– उपमाता, पृथ्वी, आँवला।
- धाम– घर, शरीर, देवस्थान।
- धार– प्रवाह, किनारा, सेना।
- धनंजय– अर्जुन, नाग।
- नंद– हर्ष, परमेश्वर, मगधराज, मेढ़क।
- नंदा– आनंद, ननद, संपत्ति।
- निशान– तेज करना, चिह्न, यादगार, पताका।
- नाक– नासिका, स्वर्ग, मान।
- नागर– चतुर, नागरिक, सोंठ।
- नाग– हाथी, पर्वत, बादल, साँप।
- नग– पर्वत, वृक्ष, रत्न विशेष, चाव, अचल, नगीना।
- निशाचर– राक्षस, प्रेत, उल्लू, साँप, चोर।
- पद– चरण, शब्द, पैर, स्थान, उद्यम, रक्षा, ओहदा, कविता का चरण।
- पानी– जल, चमक, इज्जत ।
- पक्ष– पन्द्रह दिन का समय, ओर, पंख, बल, घर, सहाय, पार्टी।
- पत्र– पत्ता, चिठ्ठी, पंख।
- पृष्ठ– पीठ, पत्रा, पीछे का भाग।
- प्रभाव– सामर्थ्य, असर, महिमा, दबाव।
- पतंग– सूर्य, पक्षी, टिड्डी, फतिंगा, गुड्डी।
- पय– दूध, अन्न, पानी।
- पर– पंख, ऊपर, बाद, किन्तु।
- पति– स्वामी, ईश्वर।
- पयोधर– स्तन, बादल।
- पीठ– पृष्ठभाग, पीढ़ा।
- पान– पेय, द्रव्य, तांबूल, शराब।
- पाश– बंधन, रस्सी, पशु।
- पोत– नाव, बच्चा, दाव।
- प्रतीक– चिह्न, प्रतिमा, उल्टा।
- प्रवाल– मूँगा, नया पत्ता, वीणादंड।
- पुष्कर– तालाब, कमल, आकाश, तलवार।
- पिशुन– चुगलखोर, केसर, नारद, नीच, क्रूर, मूर्ख।
- पूत– पुत्र, पवित्र किया हुआ, शंख।
- पूरण– वृष्टि, मरना, सेतु, सम्पूर्ण।
- फल– लाभ, मेवा, नतीजा, पेड़ का फल, तलवार, भाले की नोक।
- फन– साँप का फण, हूनर।
- बल– सेना, ताकत, बलराम, शक्ति।
- बेला– एक फूल, वक्ता, समय, बरतन।
- बाद– पीछे, व्यर्थ, सिवाय।
- बस– गाड़ी, वश, समाप्ति।
- बाला– लड़की, आभूषण, वलय।
- बंध– बंधन, गाँठ, निर्माण, बाँध (नदी के किनारे)।
- बीर– बहादुर, सखी, चरागाह।
- बलि– राजा बलि, बलिदान, उपहार, कर इत्यादि।
- भग– ऐश्वर्य, चाँद, यश, ज्ञान, और वैराग्य।
- भूत– अतीत, वस्तुतः, सत्य, प्राप्त।
- भीत– डरा हुआ, भित्ति, दीवार।
- भव– संसार, शुभ, मेघ, जन्म।
- भोर– सुबह, सीधा, भूलने का स्वभाव।
- भेद– रहस्य, तात्पर्य, अन्तर, प्रकार।
- भाग– हिस्सा, विभाजन, भाग्य।
- भार– काम, बोझा, सहारा, रक्षा।
- मयूख– कान्ति, किरण, ज्वाला।
- मन्यु– क्रोध, दीनता, यज्ञ, चिन्ता।
- मधु– शराब, शहद, बसंत, दूध, मीठा।
- मान– सम्मान, इज्जत, अभिमान, नाप-तौल, मानना।
- मित्र– दोस्त, सूर्य, प्रिय, साँप।
- मूल– जड़, पहला, वृक्ष की जटा।
- मूक– गूँगा, विवश, चुपचाप।
- मंडल– जिला, हल्का, बिम्ब, क्षितिज।
- मणि– कीमती पत्थर, श्रेष्ठजन, बकरी के गले की थैली।
- मद– घमंड, हर्ष, शराब।
- मल– मैल, कफ, पाप, बुराई।
- मा– माता, मत, मान, लक्ष्मी।
- मात्रा– इन्द्रिय, धन, परिमाण।
- मत– राय, वोट, नही।
- महावीर– हनुमान, बहुत बलवान्, जैन तीर्थकर।
- मुद्रा– मुहर, आकृति, सिक्का, अँगूठी, रूप, धन।
- योग– नियम, उपाय, मिलन, युक्ति, विधा, कौशल, ध्यान, जोड़।
- यति– योगी, जितेन्द्रिय, ब्रह्मा-पुत्र, विराम।
- राशि– समूह, मेष, कर्क, आदि राशियाँ।
- रस– प्रेम, काव्य के नौ रस, अर्क, स्वाद, सार।
- रक्त– लहू, लाल रंग, सिंदूर, केसर।
- रुचि– प्रेम, शोभा, किरण, इच्छा।
- रश्मि– लक्ष्मी, किरण, लगाम।
- रंग– शोभा, सौंदर्य, ठाट-बाट, दशा।
- लक्ष्य– निशाना, उद्देश्य।
- लहर– तरंग, वायु की गति, उमंग, जोश।
- लिंग– चिह्न, प्रमाण, एक पुराण।
- लोक– जगत्, लोग।
- लाल– पुत्र, एक रंग, एक कीमती रत्न।
- लीक– रास्ता, लकीर, प्रथा, गणना।
- लघु– ह्रस्व, छोटा, हल्का।
- लौ– लपट, चाह।
- वर– दूल्हा, वरदान, श्रेष्ट।
- वर्ण– जाति, रंग, अक्षर।
- विग्रह– लड़ाई, शरीर, विच्छेद, देवता की मृर्ति।
- विषम– जो सम न हो, भीषण, बहुत कठिन।
- वन– जंगल, उपवन, झरना, फूलों का गुच्छा, जल।
- विरोध– वैर, विपरीत भाव।
- विधि– कानून, रीति, ईश्वर, भाग्य, ढंग।
- विजया– दुर्गा, भाँग।
- वाणी– सरस्वती, सार्थक शब्द, जीभ, सरकंडा।
- वितान– फैलाव, राशि, प्रगति, अवसर, घृणा।
- वीथि– पंक्ति, श्रेणी, गली, बाजार।
- वेद– ज्ञान, विष्णु, व्याख्या।
- व्योम– आकाश, अभ्रक, कल्याण।
- वशा– स्त्री, बाँझ गाय, बेटी।
- वंश– कुल, पास, बाँसुरी, परिवार।
- वधू- बहू, नव विवाहिता।
- वरस– बच्चा, बछड़ा, छाती, वर्ष।
- वाम– बायाँ, प्रतिकूल, स्त्री।
- वास– गमक, निवास, इच्छा, वस्त्र।
- विधु– विष्णु, चन्द्रमा, कपूर, राक्षस।
- वृजिन– क्लेश, कुटिल, पाप।
- वार– प्रहार, बारी, दिन।
- शिव– मंगल, महादेव, वेद, गीदड़, भागयशाली।
- शुद्ध– पवित्र, ठीक, जिसमें मिलावट न हो।
- शिखा– चोटी, ज्वाला, शाखा, दीपक की लौ।
- शिखि– अग्नि, मयूर, पुरुष, मुर्गी।
- श्यामा– तुलसी, यमुना, रात, राधा।
- शिलीमुख– भ्रमर, बाण, मूर्ख।
- शून्य– आकाश, बिन्दु, अभाव, ईश्वर।
- श्रम– परिश्रम, थकावट, प्रयास, दुःख।
- श्री– लक्ष्मी, कमला, चमक, चन्दन।
- शृंखला– साँकल, कतार, बंधन।
- श्रुति– कान, वेद।
- शॉल– एक पेड़, ऊनी चादर।
- शेर– सिंह, उर्दू छंद के दो चरण।
- शंकु– कील, बाण की नोंक, विष।
- शक्ति– देवी, योग्यता, प्रभाव, बल।
- शंबर– जल, बादल, चित्र, युद्ध, व्रत।
- सर– तालाब, सिर, पराजित।
- सेहत– सुख, स्वास्थ्य। रोग से छुटकारा।
- सुधा– अमृत, पानी।
- संज्ञा– नाम, चेतना।
- सारंग– हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष भौंरा, मृग, मयूर, स्त्री, नानावर्ण, सुन्दर, सरस, बादल, वृक्ष, छाता, वस्त्र, बाल, शंख, शिव, कपूर, चन्दन, आभूषण, स्वर्ण मधुमक्खी, कमल।
- संकर– दोगला, योग, गोबर, एक अलंकार।
- संख्या– अंक, प्रज्ञा, तरीका, नाम।
- संगर– युद्ध, खाई, रजामन्दी, सौदा, वादा।
- संतान– औलाद, धारा, वंश, विस्तार।
- सत्त्व– एक गुण, जीवन, भ्रूण, सत्य।
- सिला– इनाम, बदला।
- संग– पत्थर, साथ, आसक्ति।
- सर्ग– अध्याय, सृष्टि, संतान, प्रकृति।
- सुत– पुत्र, पार्थिव।
- संधा– प्रतिज्ञा, साँझ, स्थिति।
- सुमन– फूल, विचारवान।
- सोना– स्वर्ण, नींद।
- स्थूल– मोटा, सहज में दिखाई देने या समझ में आने योग्य।
- स्नेह– प्रेम, तेल, चिकनाई।
- हार– आभूषण, शिथिलता, पराजय।
- हंस– प्राण, सूर्य, आत्मा, एक पक्षी।
- हस्ती– हाथी, औकात, अस्तित्व।
- हरकत– गति, चेष्टा, नटखटपन।
- हीन– रहित, दीन, निकृष्ट।
- हिम– बर्फ, चाँद, कमल, मोती, कपूर।
- हसरत– अफ़सोस, कामना।
- हत– मारा गया, विरहित, विफल, ग्रस्त।
- हर– महादेव, अग्नि, गधा, भाजक।
- हरिण– मृग, शिव, नेवला, हंस, विष्णु।
- हरि– हाथी, विष्णु, पहाड़, सिंह, इन्द्र, घोड़ा, सर्प, बन्दर, वानर, मेढ़क, यमराज, शिव, कृष्ण, किरण, कोयल, हंस।
📚📚More 35 Practice: -
(अ) जिसका मूल्य हो।
(ब) जिसका मूल्य आँका न जा सके।
(स) जो मूल्यवान हो।
(द) जो मूल्यहीन हो।
उत्तर : जिसका मूल्य आँका न जा सके।
प्रश्न 2 निम्न में से कौन सा शब्द ‘भेद’ का अनेकार्थी नहीं है?
(अ) रहस्य
(ब) अन्तर
(स) प्रकार
(द) काम
उत्तर : काम
प्रश्न 3 ‘कनक’ शब्द किस अर्थ का वाचक नहीं है ?
(अ) सोना
(ब) सोम
(स) धतूरा
(द) गेहूँ
उत्तर : सोम
प्रश्न 4 ‘अज’ शब्द का अनेकार्थक शब्द चयन कीजिए –
(अ) ब्रह्मा
(ब) आकाश
(स) घृत
(द) सूर्य
उत्तर : ब्रह्मा
प्रश्न 5 निम्नलिखित में से कौन सा शब्द, कल के अर्थ से संबंधित नहीं है ?
(अ) बेचैनी
(ब) मधुर ध्वनि
(स) बीता दिन
(द) यंत्र
उत्तर : बेचैनी
प्रश्न 6 मोर, सर्प, चातक के अर्थो को प्रकट करने वाला शब्द बताइये।
(अ) सारंग
(ब) हरि
(स) पुष्कर
(द) नीलकण्ट
उत्तर : सारंग
प्रश्न 7 निम्नलिखित में भारी अर्थ को प्रकट करने वाला शब्द है –
(अ) गुरु
(ब) मोती
(स) रत्न
(द) नक्षत्र
उत्तर : गुरु
प्रश्न 8 निम्नलिखित में से ‘गो’ का अनेकार्थक शब्द समूह है –
(अ) वेद, शंख, समुद्र
(ब) श्रेष्ठ, भार, शिक्षक
(स) स्वर्ण, जल, पारा
(द) स्वर्ग, सूर्य, बैल
उत्तर : स्वर्ग, सूर्य, बैल
प्रश्न 9 ‘कनक’ के अनेकार्थक को प्रकट करने वाला शब्द नहीं है –
(अ) किरण
(ब) धतूरा
(स) सोना
(द) गेहूँ
उत्तर : किरण
प्रश्न 10 निम्नलिखित में ‘अंक’ शब्द का अर्थ नहीं है-
(अ) गणित
(ब) गोद
(स) चिह्न
(द) धब्बा
उत्तर : गणित
प्रश्न 11 ‘टीका’ शब्द का अर्थ नहीं होता –
(अ) तिलक
(ब) विशेष गहना
(स) घमण्ड
(द) व्याख्या
उत्तर : घमण्ड
प्रश्न 12 कौनसा शब्द ‘कर’ के अर्थ से असंबद्ध है?
(अ) काँटा
(ब) प्रकाश-किरण
(स) हाथी की सूंड
(द) शुल्क
उत्तर : काँटा
प्रश्न 13 ‘कल’ शब्द का अर्थ नहीं होता –
(अ) कलम
(ब) चैन
(स) मशीन
(द) आने वाला दिन
उत्तर : कलम
प्रश्न 14 अशुद्ध अर्थयुक्त अनेकार्थी शब्द है-
(अ) कल – मशीन, चैन
(ब) अंबर – आकाश, वस्त्र
(स) कलम – लेखनी, आम
(द) शिलीमुख – बाण, भौंरा
उत्तर : कलम – लेखनी, आम
प्रश्न 15 ‘अरुण’ का अर्थ नहीं होता है-
(अ) लाल
(ब) प्रभात
(स) सूर्य
(द) सोना
उत्तर : प्रभात
प्रश्न 16 ‘अज’ का अर्थ नहीं है-
(अ) ब्रह्मा
(ब) विष्णु
(स) शिव
(द) सर्प
उत्तर : सर्प
प्रश्न 17 कौनसा शब्द ‘पतंग’ का अर्थबोधक नहीं है?
(अ) आकाश
(ब) पक्षी
(स) सूर्य
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर : आकाश
प्रश्न 18 ‘सोना, धतूरा, गेहूँ’ किस शब्द के अनेकार्थी हैं –
(अ) पिंगल
(ब) कनक
(स) धान
(द) इंदु
उत्तर : कनक
प्रश्न 19 ‘हरकत’ का अनेकार्थक शब्द समूह है –
(अ) दीन, निकृष्ट
(ब) इज्जत, अभिमान
(स) प्राण, जीवन
(द) गति, चेष्टा
उत्तर : गति, चेष्टा
प्रश्न 20 किस विकल्प में सभी शब्द ‘अंक’ के अर्थबोधक हैं?
(अ) नाटक का एक खंड, समीप
(ब) पंक्ति, गणित
(स) पार्श्व, आकृति
(द) गोद, धब्बा
उत्तर : गोद, धब्बा
प्रश्न 21 निम्नलिखित विकल्पों में अनेकार्थक शब्दों की दृष्टि से एक विकल्प अनुपयुक्त है, उसका चयन कीजिए |
(अ) चपल = चंचल, पारा, जीभ
(ब) चक्र = पहिया, वृत्त, घेरा
(स) खग = पक्षी, गन्धर्व, सूर्य
(द) चपला = लक्ष्मी, बिजली, स्त्री
उत्तर : चपल = चंचल, पारा, जीभ
प्रश्न 22 ‘अक्ष’ शब्द का अर्थ नहीं है –
(अ) धुरी
(ब) पहिया
(स) पासा
(द) चावल
उत्तर : चावल
प्रश्न 23 ‘द्विज’ शब्द का अर्थ नहीं है –
(अ) ब्राह्मण
(ब) दांत
(स) दुबला
(द) पक्षी
उत्तर : दुबला
प्रश्न 24 किस अनेकार्थक शब्द के सभी अर्थ सही हैं –
(अ) भूत – अतीत, राख
(ब) दंड – जुर्माना, भूमि
(स) अंश – कंधा, भाग
(द) पक्ष – पंख, किनारा
उत्तर : अंश – कंधा, भाग
प्रश्न 25 ‘खेचर’ शब्द का अर्थ समूह चुनिए –
(अ) पक्षी, गधा, व्योमपुत्र
(ब) पक्षी, ग्रह, देवता
(स) आकाश,मेघ, आसमान
(द) ग्रह, नभ, व्योम
उत्तर : पक्षी, ग्रह, देवता
प्रश्न 26 ‘लोहित’ शब्द का अर्थ समूह है –
(अ) लाल रंग, रक्त, मंगल ग्रह
(ब) लाल, सूर्य, मंगल
(स) लाल रंग, शनि ग्रह, गुलाब
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर : लाल रंग, रक्त, मंगल ग्रह
प्रश्न 27 ‘अमृत’ का यह अर्थ नहीं है –
(अ) स्वर्ण
(ब) जल
(स) दूध
(द) वस्त्र
उत्तर : वस्त्र
प्रश्न 28 “हरि” का यह अर्थ नहीं है –
(अ) विष्णु
(ब) दूध
(स) सर्प
(द) सूर्य
उत्तर : दूध
प्रश्न 29 ‘जलज’ का एक अर्थ यह भी है –
(अ) शंख
(ब) कनक
(स) उत्तर
(द) मित्र
उत्तर : शंख
प्रश्न 30 निम्नलिखित विकल्पों में अनेकार्थक शब्दों की दृष्टि से एक विकल्प अनुपयुक्त है, उसका चयन कीजिए।
(अ) खग = पक्षी, बाण, सूर्य
(ब) चक्र = पहिया, सेना का व्यूह, घेरा
(स) चपल = चंचल, पारा, जीभ
(द) चपला = लक्ष्मी, बिजली, मद्य
उत्तर : चपल = चंचल, पारा, जीभ
प्रश्न 31 ‘इला’ शब्द के अनेकार्थक शब्द का उचित विकल्प होगा –
(अ) चन्द्रमा, पृथ्वी, गाय
(ब) पृथ्वी, गाय, सरस्वती
(स) सरस्वती, वाणी, अंश
(द) पृथ्वी, वाणी, वराह
उत्तर : पृथ्वी, गाय, सरस्वती
प्रश्न 32 ‘सारंग’ का अनेकार्थक शब्द समूह है –
(अ) चन्द्रमा, भौंरा, रति-क्रिड़ा, चाबुक
(ब) चन्द्रमा, हाथि, भौंरा, कोयल
(स) चन्द्रमा, जत्था, असत्य, भौंरा
(द) हाथी, विष, चूना, चन्द्रमा
उत्तर : चन्द्रमा, हाथि, भौंरा, कोयल
प्रश्न 33 ‘अंक’ का अनेकार्थक शब्द समूह है –
(अ) गिनती के अंक, नाटक के अंक, अध्याय, कारण
(ब) संख्या, भाग्य, गिनती के अंक, कपड़ा
(स) नाटक के अंक, गिनती के अंक, जीवित, कपड़ा
(द) गिनती के अंक, नाटक के अंक, भाग्य, संख्या
उत्तर : गिनती के अंक, नाटक के अंक, भाग्य, संख्या
प्रश्न 34 नीचे दिए गए अनेकार्थक शब्दों में से कौनसा अनुपयुक्त है ?
(अ) दैव – भाग्य, विधाता, आकाश
(ब) चपला – चंचल, बिजली, लक्ष्मी
(स) अर्थ – धन, कारण , मतलब
(द) उमा – पार्वती, दुर्गा, शारदा
उत्तर : उमा – पार्वती, दुर्गा, शारदा
प्रश्न 35 ‘अरुण’ शब्द का अनेकार्थी है
(अ) सूर्य, गुलाबी
(ब) प्रातःकालीन सूर्य, सिन्दूर
(स) सिन्दूर, आक
(द) सूर्य, नवीन
उत्तर : प्रातःकालीन सूर्य, सिन्दूर
10 अनेकार्थी शब्द उनके अर्थ और उदाहरण के साथ
1. चारु- सुंदर
उदाहरण– चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में
2. चंचल- अस्थिर
उदाहरण– चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में|
3.अवनि-पृथ्वी
उदाहरण– स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।
4.अम्बरतल- आकाश तले
उदाहरण- स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।
5.पुलक- आनंद
उदाहरण– पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से|
6.मन्द- हल्की
उदाहरण– मानों झीम रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से
7.मनका- माला के दाने
उदाहरण– करका मनका डारि दैं मन का मनका फेर।
8 .मन – चित्त
उदाहरण– करका मनका डारि दैं मन का मनका फेर।
9.पानी- चमक (मोती के लिए)
उदाहरण– रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून
10. चंचला- लक्ष्मी, स्त्री, बिजली
उदाहरण– चली चंचला, चंचला के घर से, तभी चंचला चमक पड़ी।”
अनेकार्थी शब्द MCQs
हाथी
नागकेसर
एक जाति विशेष
पराग
उत्तर- पराग
दरवाजा
पर्दा
चित्र का आधार
खेल
उत्तर- खेल
सेना
समूह
पता
अग्नी
उत्तर- अग्नी
बिजली, मोर ,सर्प
राग ,बादल ,पानी
पानी, चातक ,सिंह
उपयुक्त सभी
उत्तर- उपयुक्त सभी
कविता
पूजा
सेवा
श्रद्धा
उत्तर- कविता
दोस्त
सूर्य
शराब
सग
उत्तर- शराब
तिलक
व्याख्या
सिंदूर
धब्बा
उत्तर- सिंदूर
चन्द्रमा, भौंरा, रति-क्रिड़ा, चाबुक
चन्द्रमा, हाथि, भौंरा, कोयल
चन्द्रमा, जत्था, असत्य, भौंरा
हाथी, विष, चूना, चन्द्रमा
उत्तर- चन्द्रमा, हाथि, भौंरा, कोयल
बादल, घटा, भारी, हथौड़ा
बादल, हाथ, बगीचा, भारी
हथौड़ा, अधिक बड़ा, बादल, घटा
अधिक बड़ा, हथौड़ा, भारी, बादल
उत्तर- हथौड़ा, अधिक बड़ा, बादल, घटा
सूर्य
पक्षी
कनकौआ
वादक
उत्तर- सूर्य
गुरु: शिक्षक, ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, बृहस्पति, भारी, बड़ा, भार।
ऐसे शब्द, जिनके अनेक अर्थ होते है, अनेकार्थी शब्द कहलाते है। दूसरे शब्दों में- जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें ‘अनेकार्थी शब्द’ कहते है।
जिस शब्द का एक ही अर्थ हो उसे एकार्थी शब्द कहते है। उदाहरण=पाप और अपराध=गुनाह।
जिस शब्द का एक से अधिक अर्थ हो उसे अनेकार्थी शब्द कहते है।। उदाहरण= पानी,नीर,जल।
मगर का अनेकार्थी शब्द एक जानवर और परंतु।
मुद्रा: मुहर, आकृति, सिक्का, अँगूठी, रूप, धन।
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