रविवार, 25 दिसंबर 2022

विलोम वर्तनी पर्यायवाची मुहावरा PRACTICE SET

विलोम

जब कोई एक शब्द किसी दूसरे शब्द का उल्टा या विपरीत अर्थ व्यक्त करे तो उसे विलोम शब्द कहा जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो जिन शब्दों से किसी दूसरे शब्द का उल्टा शब्द बनें उन्हें विरुद्धार्थी शब्द या विपरीतार्थक शब्द कहते है। जैसे– रात का विरुद्धार्थी शब्द या विपरीतार्थक दिन है। यह हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण टॉपिक भी है जो परीक्षाओं में पूछा जाता है।

एक-दूसरे के विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले शब्दों को, vilom shabd कहते है अर्थात् जो शब्द किसी दूसरे शब्द का उल्टा अर्थ बताते हैं, उन्हें विलोम शब्द या विपरीतार्थक शब्द या विरुद्धार्थी शब्द कहते है। जैसे- हार- जीत, आय- व्यय, आजादी- गुलामी, नवीन- प्राचीन आदि।




वर्तनी
लिखने की रीति को वर्तनी या अक्षरी कहते हैं। इसे 'हिज्जे' भी कहा जाता है।


वर्तनी का सीधा संबंध उच्चारण से होता है। हिन्दी में जो बोला जाता है वही लिखा जाता है। यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी। प्रायः अपनी मातृभाषा या बोली के कारण तथा व्याकरण संबंधी ज्ञान की कमी के कारण उच्चारण में अशुद्धियाँ आ जाती हैं जिसके कारण वर्तनी में भी अशुद्धियाँ आ जाती हैं।
संस्कृत भाषा के मूल श्लोकों को अदधृत करते समय संयुक्ताक्षर पुरानी शैली से भी लिखे जा सकेंगे। जैसे:संयुक्त, चिह्न, विद्या, चच्चल, विद्वान, वृद्ध, द्वितीय, बुद्धि आदि। किंतु यदि इन्हें भी उपर्युक्त नियमों के अनुसार ही लिखा जाए तो कोई आपत्ति नहीं होगी।
हिन्दी के कारक चिह्न सभी प्रकार के संज्ञा शब्दों में प्रातिपदिक से पृथक् लिखे जाएँ। जैसे: राम को, राम से, स्त्री से, सेवा में आदि। सर्वनाम शब्दों में ये चिह्न प्रातिपदिक के साथ मिलाकर लिखे जाएँ। जैसे- तूने, आपने, तुमसे, उसने, उससे आदि।
सर्वनामों के साथ यदि दो कारक चिह्न हों तो उनमें से पहला मिलाकर और दूसरा पृथक् लिखा जाए। जैसे- उसके लिए, इसमें से।
संयुक्त क्रिया पदों में सभी अंगीभूत क्रियाएँ पृथक-पृथक् लिखी जाएँ। जैसे- पढ़ा करता है, आ सकता है, जाया करता है, खाया करता है, जा सकता है, कर सकता है, खेला करेगा, घूमता रहेगा, आदि।



पर्यायवाची

जो शब्द समान अर्थ के कारण किसी दूसरे शब्द की जगह ले लेते हैं उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं या समान अर्थ प्रदान करने वाले शब्द पर्यायवाची शब्द अथवा समानार्थक शब्द कहलाते हैं। सामान्य अर्थ में ऐसे शब्द जिनके अर्थ समान हों, पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं।


“मुहावरा” अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है “आदि होना” या “अभ्यास होना” कुछ विद्वान इसे वाग्धारा भी कहते है मुहावरा शब्द सामान्य अर्थ से अलग विशेष अर्थ को प्रकट करता है। हम अपने दैनिक जीवन में कहीं बार अपने मन के भाव या विचारों को मुहावरों के शब्दों का प्रयोग करके प्रकट करते हैं।

मुहावरा

‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा का है जिसका अर्थ है ‘अभ्यास होना’ या ‘आदी होना’। इस प्रकार मुहावरा शब्द अपने–आप में स्वयं मुहावरा है, क्योंकि यह अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर असामान्य अर्थ प्रकट करता है। वाक्यांश शब्द से स्पष्ट है कि मुहावरा संक्षिप्त होता है, परन्तु अपने इस संक्षिप्त रूप में ही किसी बड़े विचार या भाव को प्रकट करता है।

उदाहरणार्थ एक मुहावरा है– ‘काठ का उल्लू’। इसका अर्थ यह नहीं कि लकड़ी का उल्लू बना दिया गया है, अपितु इससे यह अर्थ निकलता है कि जो उल्लू (मूर्ख) काठ का है, वह हमारे किस काम का, उसमें सजीवता तो है ही नहीं। इस प्रकार हम इसका अर्थ लेते हैं– ‘महामूर्ख’ से।

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