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वाक्य किसे कहते हैं – परिभाषा, भेद एवं उदहारण/bakya Kise kehte hain Paribhasha, bhed , Udaharan

 वाक्य किसे कहते हैं – परिभाषा, भेद एवं उदहारण

वाक्य किसे कहते हैं – परिभाषा, भेद एवं उदहारण

वाक्य किसे कहते है
शब्दों का वह सार्थक समूह जिससे एक विचार की स्पष्ट एवं पूर्ण अभिव्यक्ति होती हो उसे वाक्य कहते हैं। भाषा व व्याकरण का सबसे बड़ा अंग वाक्य होता है। भाव/भावार्थ के आधार पर भाषा की सबसे बड़ी एवं सबसे छोटी इकाई वाक्य होता है, क्योंकि भाव/भावार्थ के आधार पर भाषा का सिर्फ़ एक ही अंग होता है, जो कि वाक्य होता है। वाक्य के दो अवयव होते हैं- उद्देश्य एवं विधेय.

वाक्य के तीन भेद होते हैं
1)संरचना के आधार पर वाक्य के भेद
2)अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
3)क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद

भेद के वर्णन

1)संरचना के आधार पर वाक्य के भेद
A)साधारण वाक्य
B)संयुक्त वाक्य
C)मिश्रित वाक्य

A)साधारण वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य एवं एक ही विधेय हो उसे साधारण वाक्य कहते हैं। यदि किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हों तथा उनकी क्रिया भी समान हो तो उस वाक्य को साधारण या सरल वाक्य ही माना जाता है, क्योंकि समान क्रिया वाले समस्त कर्ता एक ही उद्देश्य को दर्शाते हैं।

साधारण वाक्य के उदाहरण
रवि पुस्तक पढ़ता है।
रमेश एवं सुरेश भोजन करते हैं।
मेहनत करने वाला विद्यार्थी ही सफल होता है।
घूमना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
सीता खाना बना रही है।

******यदि किसी वाक्य में एक कर्ता हो एवं उसकी क्रियाएं एक से अधिक हों तो समस्त क्रियाओं को एक ही विधेय माना जाता है, अर्थात एक कर्ता की एक से अधिक क्रियाएं होने पर भी वाक्य साधारण वाक्य होगा।

उदाहरण:-
रवि पढ़ एवं लिख रहा है।

******यदि किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हों तथा समस्त कर्ताओं की क्रियाएं एक से अधिक एवं समान हों तो वाक्य को साधारण वाक्य ही माना जाता है, क्योंकि समान क्रियाएं करने वाले समस्त कर्ताओं को एक उद्देश्य तथा समान कर्ताओं वाली समस्त क्रियाओं को एक विधेय माना जाता है।

उदाहरण:-
महेश रमेश व सुरेश पढ़ एवं लिख रहे हैं।

B)संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जो दो या दो से अधिक स्वतंत्र साधारण वाक्यों या प्रधान उपवाक्यों के मेल से बना हो उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं। संयुक्त वाक्य में प्रयुक्त सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं, अर्थात किसी भी उपवाक्य को हटा देने से शेष वाक्यों के अर्थ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

संयुक्त वाक्य में प्रयुक्त सभी वाक्य संयोजक शब्दों (किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, या, एवं, अथवा, और, बल्कि, अतः) से जुड़े हुए रहते हैं, लेकिन यह कोई आवश्यक शर्त नहीं है, क्योंकि बिना संयोजक शब्दों के भी संयुक्त वाक्य हो सकता है।

संयुक्त वाक्य के उदाहरण
रवि पुस्तक पढ़ रहा है, विवेक चाय बना रहा है।
सीता बीमार है इसलिए आज ऑफिस नहीं आई है।
मैं घर से निकला ही था कि शंकर मिल गया और हम खेलने चले गए।

C)मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं। यदि मिश्र वाक्य के सभी उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारंभ हों तो वाक्य का अंतिम उपवाक्य प्रधान उपवाक्य तथा शेष सभी उपवाक्य आश्रित उपवाक्य होते हैं।

मुहावरे एवं लोकोक्तियां मिश्र वाक्य होती हैं। मिश्रित वाक्य में जब-तब, जैसा-वैसा, कि, जितना-उतना, जिसकी-उसकी, यदि-तो, यद्यपि-तथापि, जो-सो/वह आदि योजक शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

मिश्रित वाक्य के उदाहरण
गांधीजी ने कहा कि सदा सत्य बोलो, हिंसा मत करो।
रवि ने कहा कि वह मुंबई जा रहा है।
जिसकी लाठी उसकी भैंस।

यदि तुम भी मेहनत करोगे तो निश्चित ही सफल हो जाओगे।
जो विद्यार्थी मेहनत करता है, वह सफल होता है।

2)अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं
A)विधानार्थक वाक्य
B)संदेहार्थक वाक्य
C)निषेधात्मक वाक्य
D)आज्ञार्थक वाक्य
E)प्रश्नार्थक वाक्य
F)संकेतार्थक वाक्य
G)इच्छार्थक वाक्य
H)विस्मय बोधक वाक्य

विधानार्थक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिसमें क्रिया का होना पाया जाए उसे विधानार्थक वाक्य कहते हैं।

विधानार्थक वाक्य के उदाहरण:-
राम पढ़ता है।
मोहन खाना खाता है।
बच्चे खेल रहे हैं।
संदेहार्थक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिससे संदेह के भाव का बोध हो उसे संदेहार्थक वाक्य कहते हैं।

संदेहार्थक वाक्य के उदाहरण:-
शायद कोई आ रहा है।
निषेधात्मक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिससे निषेध या मना करने के भाव का बोध हो उसे निषेधात्मक वाक्य कहते हैं।

निषेधात्मक वाक्य के उदाहरण:-
रमेश घर पर नहीं है।
मुझे चाय पसंद नहीं है।

आज्ञार्थक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिससे आज्ञा या आदेश के भाव का बोध हो उसे आज्ञार्थक वाक्य कहते हैं।

आज्ञार्थक वाक्य के उदाहरण:-
दरवाज़ा बंद कर दो।
खिड़की खोल दो।

प्रश्नार्थक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिससे प्रश्न पूछे जाने के भाव का बोध हो उसे प्रश्नार्थक वाक्य कहते हैं।

प्रश्नार्थक वाक्य के उदाहरण:-
आपका नाम क्या है?
आप कहां जा रहे हैं?

संकेतार्थक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिससे शर्त के भाव का बोध हो उसे संकेतार्थक वाक्य कहते हैं।

संकेतार्थक वाक्य के उदाहरण:-
यदि तुम पढ़ते तो पास हो जाते।

इच्छार्थक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिससे इच्छा के भाव का बोध हो उसे इच्छार्थक वाक्य कहते हैं। आशीर्वाद, दुआ, गाली, शाप, बद्दुआ आदि भावों का बोध करवाने वाले वाक्य भी इच्छार्थक वाक्य होते हैं।

इच्छार्थक वाक्य के उदाहरण:-
मेरी इच्छा है कि मैं अभिनेता बन जाऊं।

विस्मय बोधक वाक्य किसे कहते हैं
वह वाक्य जिससे आश्चर्य के भाव का बोध हो उसे विस्मय बोधक वाक्य कहते हैं।

विस्मय बोधक वाक्य के उदाहरण:-
वाह! क्या स्वाद है।
अरे आप! कब आए।

3)क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद

वाच्य किसे कहते हैं
क्रिया के आधार पर वाक्य के भेदों को वाच्य नाम दिया गया है। क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में से किस की प्रधानता है, उसे वाच्य कहते हैं। वाच्य के तीन भेद होते हैं।

A)कर्तृ वाच्य
B)कर्म वाच्य
C)भाव वाच्य

A)कर्तृ वाच्य किसे कहते हैं
जब किसी वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन का निर्धारण वाक्य में प्रयुक्त कर्ता के अनुसार हो तो उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं, अर्थात वाक्य में प्रयुक्त कर्ता के लिंग एवं वचन में परिवर्तन करते ही यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन में भी परिवर्तन हो जाए तो वह कर्तृ वाच्य होता है। कर्तृ वाच्य में क्रिया सकर्मक एवं अकर्मक हो सकती है।

कर्तृ वाच्य के उदाहरण
राम पुस्तक पढ़ता है। ( पुल्लिंग, एकवचन )
सीता पुस्तक पढ़ती है। ( स्त्रीलिंग, एकवचन )
तुम पुस्तक पढ़ते हो। ( पुल्लिंग, एकवचन )
हम पुस्तक पढ़ते हैं। ( पुल्लिंग, बहुवचन )
उपरोक्त सभी उदाहरणों में हम देख सकते हैं कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन का निर्धारण कर्ता के लिंग एवं वचन के आधार पर हो रहा है। अतः उपरोक्त सभी उदाहरण कर्तृ वाच्य के उदाहरण हैं।

B)कर्म वाच्य किसे कहते हैं
जब किसी वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन का निर्धारण वाक्य में प्रयुक्त कर्म के अनुसार हो तो उसे कर्म वाच्य कहते हैं, अर्थात वाक्य में प्रयुक्त कर्म के लिंग एवं वचन में परिवर्तन करते ही यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग एवं वचन में भी परिवर्तन हो जाए तो वह कर्म वाच्य होता है। कर्म वाच्य में क्रिया सदैव सकर्मक ही होती है।

कर्म वाच्य के उदाहरण
राम के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है। ( स्त्रीलिंग, एकवचन )
राम के द्वारा पुस्तकें पढ़ी जाती हैं। ( स्त्रीलिंग, बहुवचन )
शंकर के द्वारा हमें हिंदी पढ़ाई जाती है। ( स्त्रीलिंग, एकवचन )
कविता के द्वारा हमें विज्ञान पढ़ाया जाता है। ( पुल्लिंग, एकवचन )

C)भाव वाच्य किसे कहते हैं
यदि किसी वाक्य में क्रिया के लिंग एवं वचन का परिवर्तन कर्ता एवं कर्म दोनों के ही अनुसार नहीं हो तो उसे भाव वाच्य कहते हैं। भाव वाच्य में क्रिया सदैव अकर्मक क्रिया होती है। क्रिया का वचन एकवचन एवं लिंग सदैव पुल्लिंग होता है।

भाव वाच्य के उदाहरण
राम से दौड़ा नहीं जाता है।
बच्चे से भागा नहीं गया।

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